मनोगुप्ति-राग-द्वेष-मोह आदि अशुभ भावों का परिहार करना मनोगुप्ति है।
3.
हमें अपने ही दोषों को पहचान कर उनका परिहार करना होगा.
4.
व्यवस्थाओं में उचित परिहार करना आज के परिवेश में महत्ती आवश्यकता बन गया है।
5.
मुनि प्रसन्न सागर ने कहा कि मान का परिहार करना, अहंकार का त्याग करना ही मार्दव धर्म है।
6.
जहाँ जहाँ भारतीय संस्कृति के ग्रंथों में विरोध दिख रहा है, वहाँ उसका परिहार करना ही मेरा कार्य है, यही मेरा योगदान है
7.
संप्रति लिवाक्विन के लिए 2008 पैकेज निविष्टि में एक परहेज़ मिलता है, यथा लिवोफ़्लॉक्सासिन या अन्य क्विनोलोन दवाओं के प्रति ज्ञात अतिसंवेदनशील मरीज़ों के लिए लिवाक्विन का परिहार करना चाहिए.
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संप्रति लिवाक्विन के लिए 2008 पैकेज निविष्टि में एक परहेज़ मिलता है, यथा लिवोफ़्लॉक्सासिन या अन्य क्विनोलोन दवाओं के प्रति ज्ञात अतिसंवेदनशील मरीज़ों के लिए लिवाक्विन का परिहार करना चाहिए.[5]
9.
ब्रह्मपुराण [289] ने कुछ सीमा तक एक विचित्र बात कही है कि निम्नलिखित देशों में श्राद्ध कर्म का यथासम्भव परिहार करना चाहिए-किरात देश, कलिंग, कोंकण, क्रिमि (क्रिवि?), दशार्ण, कुमार्य (कुमारी अन्तरीप), तंगण, क्रथ, सिंधु नदी के उत्तरी तट, नर्मदा का दक्षिणी तट एवं करतोया का पूर्वी भाग।
10.
ब्रह्मपुराण [374] ने कुछ सीमा तक एक विचित्र बात कही है कि निम्नलिखित देशों में श्राद्ध कर्म का यथासम्भव परिहार करना चाहिए-किरात देश, कलिंग, कोंकण, क्रिमि (क्रिवि?), दशार्ण, कुमार्य (कुमारी अन्तरीप), तंगण, क्रथ, सिंधु नदी के उत्तरी तट, नर्मदा का दक्षिणी तट एवं करतोया का पूर्वी भाग।